India at G7 Summit 5 Reasons Why Canadian Prime Minister Mark Carney Invited PM Modi Amidst Tensions

कनाडा और भारत के बीच तनाव के चरम पर पहुंचने के बावजूद, कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगामी G7 शिखर सम्मेलन (1517 जून, कनानास्किस, अल्बर्टा) में आमंत्रित किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच फोन पर बातचीत भी हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के आमंत्रण को स्वीकार करते हुए आभार जताया और सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी भी दी.

लेकिन कनाडा के इस पहल के बाद यह सवाल सबके मन में है कि आखिरकार ऐसा क्या हुआ कि कनाडा ने सम्मेलन में भारत को न्योता दिया. प्रधानमंत्री मोदी को सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा के आग्रह के पीछे यह पांच कारण हैं. आइए प्वाइंट में समझे वे कारण जिनकी वजह से कनाडा ने पीएम मोदी को न्योता दिया.

1. दुनिया के पांच अर्थव्यवस्था में है भारत

भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और हाल ही में जापान को पीछे छोड़ कर चौथी पोजिशन की दावेदारी पेश कर दी है. कनाडाई प्रधानमंत्री स्वयं एक अर्थशास्त्री हैं और वो भारत की आर्थिक ताकत को बखूबी समझते हैं.

साल 2023 में G20 अध्यक्षता के दौरान भारत ने विकासशील देशों की आवाज को वैश्विक मंच पर मजबूती से रखा. कनाडा जैसे देश भारत को ग्लोबल साउथ के प्रतिनिधि के तौर पर G7 में शामिल करना जरूरी मानते हैं.

2. चीन पर काउंटर बैलेंस बनाने की रणनीति

G7 देशों का साझा उद्देश्य चीन की बढ़ती आर्थिक और रणनीतिक शक्ति का मुकाबला करना है. भारत को शामिल करना इस रणनीति का हिस्सा है ताकि एशिया में एक मजबूत लोकतांत्रिक संतुलन बनाया जा सके.

3. ऊर्जा, खनिज, AI और सप्लाई चेन में भारत की अहमियत

भारत आज क्रिटिकल मिनरल्स, हरित ऊर्जा ट्रांजिशन और AI नीति में अहम साझेदार बन चुका है. कनाडा जैसे संसाधन-संपन्न देशों को ऐसे मजबूत भागीदार की जरूरत है, जिससे आर्थिक और तकनीकी सहयोग बढ़ाया जा सके.

4. भारत-कनाडा संबंध को पटरी पर लाने का प्रयास

कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के शासनकाल में दोनों देशों के संबंध तेजी से खराब हुए. कनाडा की नई सरकार एक बार फिर नई शुरुआत करना चाहती है. भारत की सबसे बड़ी चिंता कनाडा में खालिस्तानी आंदोलन को मिल रहे सरकारी संरक्षण से है.

अगर कनाडा की सरकार इस दिशा में ठोस प्रयास करती है तो दोनों देशों के संबंध बहाल हो सकते है. कनाडा की इच्छा है कि भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत फिर से शुरू हो. G7 में आमंत्रण देना एक संकेत है कि कनाडा अब इन रिश्तों को रीसेट करना चाहता है.

5. मोदी की व्यक्तिगत लोकप्रियता और भारत की रणनीतिक हैसियत

ट्रंप हो या पुतिन या फिर मैक्रों — वैश्विक मंचों पर नरेंद्र मोदी की प्रतिष्ठा और प्रभाव को हर कोई मानता है. कनाडा जानता है कि भारत को नजरअंदाज करना अब संभव नहीं है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री कार्नी ने भारत को आमंत्रित करने के पीछे आर्थिक और वैश्विक कारणों का हवाला दिया. उन्होंने कहा, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और कई वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के केंद्र में है.

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